अंक - 2
- आचार्य परशुराम राय
- आचार्य परशुराम राय
1. एग्रीमोनी (Agrimony) : मानसिक त्रास, दूसरों से अपनी पीड़ा छिपाना। अर्थात् जब रोगी अपनी पीड़ा दूसरों से छिपाकर अपने को हँसमुख एवं खुश दिखाने का प्रयत्न करता हो तो ऐसी मानसिकता वाले व्यक्ति के लिए यह औषधिक उपयुक्त है।
2. आस्पेन (Aspen) : भय जिसके कारणों की ओर-छोर का पता न हो। फिर भी रोगी हमेशा भयभीत रहता हो।
3. बीच (Beach) : असहिष्णुता, हमेशा हर जगह व्यवस्था और अनुशासन बनाए रखने के लिए परेशान रहना। रोगी जब दूसरों की कठिनाइयों का अनुभव न कर और उनकी अच्छाइयों को न देखकर केवल गलतियों की ओर दृष्टि रखता हो तो यह दवा उसके लिए उपयोगी होगी।
4. सेन्टौरी (Centaury): कमजोर इच्छा शक्ति। तुरन्त दूसरों के प्रभाव में आ जाना। जो लोग शांत और डरपोक हैं तथा जल्दी ही दूसरों से प्रभावित हो जाते हैं, दूसरे शब्दों में जो सदा बेगारी करने में लगे रहते हैं, उनकी दवा है - सेन्टौरी।
5. सिराटो (Cerato) : यह उन लोगों की दवा है जिनके पास बुद्धि है, अन्तर्बोध है, जिनके अपने निश्चित विचार हैं, फिर भी उन्हें अपनी क्षमता पर संदेह बना रहता है और प्राय: वे मूर्खतापूर्ण काम करते रहते हैं। प्राय: एक से, दूसरे से, तीसरे से राय और मशविरा माँगते रहते हैं। ऐसी मानसिकता वाले लोगों पर यह दवा बहुत अच्छा काम करती है।
6. चेरी प्लस (Cherry Plus): मानसिक नियंत्रण खोने का भय। घोर निराशा। स्नाययिक विकार के कारण घोर निराशा और उससे बचने के लिए आत्महत्या करने की चाह/प्रवृत्ति रखने वाले व्यक्तियों के लिए यह काफी उपयोगी औषधि है।
7. चेस्टनट बड (Chestnut Bud) : एक ही गलती बार-बार करना, ध्यान का अभाव, पिछली गलती से कुछ भी न सीखना। जिन लोगों में यह प्रवृत्ति हो उन्हें इस दवा से लाभ होगा।
8. चिकोरी (Chicory) : आत्मानुरक्ति, स्वार्थी, अपने प्रति सहानुभूति की चाह, लोगों को अपने प्रति ध्यान आकृष्ट करने की प्रवृत्ति, दूसरों का ध्यान आकृष्ट करने तथा सहानुभूति पाने के लिए बीमारी का बहाना करना आदि चिकोरी की आवश्यकता है।
9. क्लेमाटिस (Clematis): उदासीनता, दिवास्वप्न देखना, असावधान। जिन लोगों की ऐसी मानसिकता हो, उनके रोगों के लिए क्लेमाटिस उपयुक्त औषधि है।
2. आस्पेन (Aspen) : भय जिसके कारणों की ओर-छोर का पता न हो। फिर भी रोगी हमेशा भयभीत रहता हो।
3. बीच (Beach) : असहिष्णुता, हमेशा हर जगह व्यवस्था और अनुशासन बनाए रखने के लिए परेशान रहना। रोगी जब दूसरों की कठिनाइयों का अनुभव न कर और उनकी अच्छाइयों को न देखकर केवल गलतियों की ओर दृष्टि रखता हो तो यह दवा उसके लिए उपयोगी होगी।
4. सेन्टौरी (Centaury): कमजोर इच्छा शक्ति। तुरन्त दूसरों के प्रभाव में आ जाना। जो लोग शांत और डरपोक हैं तथा जल्दी ही दूसरों से प्रभावित हो जाते हैं, दूसरे शब्दों में जो सदा बेगारी करने में लगे रहते हैं, उनकी दवा है - सेन्टौरी।
5. सिराटो (Cerato) : यह उन लोगों की दवा है जिनके पास बुद्धि है, अन्तर्बोध है, जिनके अपने निश्चित विचार हैं, फिर भी उन्हें अपनी क्षमता पर संदेह बना रहता है और प्राय: वे मूर्खतापूर्ण काम करते रहते हैं। प्राय: एक से, दूसरे से, तीसरे से राय और मशविरा माँगते रहते हैं। ऐसी मानसिकता वाले लोगों पर यह दवा बहुत अच्छा काम करती है।
6. चेरी प्लस (Cherry Plus): मानसिक नियंत्रण खोने का भय। घोर निराशा। स्नाययिक विकार के कारण घोर निराशा और उससे बचने के लिए आत्महत्या करने की चाह/प्रवृत्ति रखने वाले व्यक्तियों के लिए यह काफी उपयोगी औषधि है।
7. चेस्टनट बड (Chestnut Bud) : एक ही गलती बार-बार करना, ध्यान का अभाव, पिछली गलती से कुछ भी न सीखना। जिन लोगों में यह प्रवृत्ति हो उन्हें इस दवा से लाभ होगा।
8. चिकोरी (Chicory) : आत्मानुरक्ति, स्वार्थी, अपने प्रति सहानुभूति की चाह, लोगों को अपने प्रति ध्यान आकृष्ट करने की प्रवृत्ति, दूसरों का ध्यान आकृष्ट करने तथा सहानुभूति पाने के लिए बीमारी का बहाना करना आदि चिकोरी की आवश्यकता है।
9. क्लेमाटिस (Clematis): उदासीनता, दिवास्वप्न देखना, असावधान। जिन लोगों की ऐसी मानसिकता हो, उनके रोगों के लिए क्लेमाटिस उपयुक्त औषधि है।
अगले अंक में आगे की नौ औषधियों पर चर्चा की जाएगी।
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Quite an informative post . Thanks and regards.
ReplyDeleteबाक फ्लोवर चिकित्सा पद्धति के बारे में पढ़ा . आभार आपका इस नव जानकारी पूर्ण आलेख के लिए . आचार्य का आभार .
ReplyDeleteबाक फ्लावर औषधियों पर दूसरा अंक प्रकाशित करने के लिए आभार। उत्साह-वर्धक टिप्पणी के लिेए डॉ.दिव्या श्रीवास्तव और श्री आशीष जी का हार्दिक आभार।
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